सरस्वती वंदना - सरस्वती वंदना हमारी पौराणिक युग-युगान्तरो से चली आ रही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदद  से हम हिन्दू धर्म की देवी सरस्वती जी की बिशेषतोओं का वर्णन करते है, उनका  गुणगान करते है और उनसे विनती करते है कि, हे देवी हमे सदबुद्धी दो!

सरस्वती वंदना 


सरस्वती वंदना उन सब को करनी चाहिए जो, अपनी माता- पिता के वचनों का पालन करते हो, जो अपने से छोटे और बड़े का आदर करते हो क्योकि कोई भी देवी या देवता अच्छी सोच-विचार, किसी का बुरा  न सोचने वालो की ही मदद करते है- इसलिए किसी का आशीर्वाद चहिये तो बुरा कर्म छोड़ दो और पहला आशीर्वाद ज्ञान, बुद्धि, विवेक, आत्मशक्ति  देने वाली  सरस्वती देवी की वंदना करके ले -

सरस्वती वंदना मंत्र -

शुक्लांब्रम्ह विचार सार परमा

मदयाम जगद व्यापिनीम

वीणा पुस्तक धारिणी म भदयाम

जाड्या-धकारा पहाम

हस्ते स्पाटिकमालिकाम विदधति

पद्मासने संस्थिताम

वन्देताम परमेश्वरी भगवती

बुद्धिप्रदाम शारदाम !!

या कुन्देन्दुतुषारहार धवला

या शुभ्र - वस्त्रावृता

या विणावरदण्डमंडितकरा

या स्वेतपद्मासना  !

या ब्रम्हाच्युत शंकर

प्रभृतिभिर्देवै: सदा वंदिताम

सा माम् पातु  सरस्वती भगवती

नि:शेष जाड्याम पहा !!




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